सबसे ठोस सबसे निडर
मैने किससे बनना सीखा जी?
हाँ उनसे ही
जो हैं मेरे प्यारे पिताजी
दफ्तर से जब भी आते हर बार
मेरे लिये लाते कुछ उपहार
सत्य, प्रेम और निष्ठा की राह पर चलना
मुझे है अपने पिताजी जैसा बनना
है मेरे गुरू, है मेरी शान
मेरे लिये हैं मेरे पिताजी महान
-अनुष्का सूरी
nice lines anushka….
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