यही हमारा नारा है
सर उठा के बढ़े चलो
झुकना नहीं गवारा है
चाहे हो आंधी या तूफान
नहीं रुकेगा अपना कारवां
मेहनत से जो चाहे हम पा लें
क्या धरती क्या आसमान
बढ़े चलो बस बढ़े चलो
यूँ ही चलना गवारा है
जो बढ़ते जाते है पथ पर
मज़िल वो पा जाते हैं
जो बीच राह सोच में पड़े
तो बस पड़े रह जायेंगे
उठो जागो बस बढ़े चलो
विजय पथ को तुम पा लो
-अनुष्का सूरी