जल ही है जीवन
जल ही है कारण
जल में ही पृथ्वी समाई
जल में ही जीवन की सच्चाई
जल के बिन मीन का ना जीवन
जल के बिन प्यासा जल उपवन
जल से ही होती है खेती खलियारी
जल से ही ही बनी है देह हमारी
जल ही है जो बरसता बन सावन
जल ही है जो देता है बंजर को जीवन
जल ही है पावन
जल ही है मंगल
जल ही है जन धन
जल ही है जन धन
– अनुष्का सूरी
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Nice poem
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i like it
actually i love it
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