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Hindi Poem on Poverty – ग़रीबी
आज निकल के घर से बाहर गया, तो देखा उन दीन-दुखियारो को, नन्हे हाथो मे खाली कटोरी, और नयनो से निकलते अश्रु धारो को। जिन्हे देख हृदय पसीज गया, मन मेरा बेबस हो गया , उनके हाथो के सिक्को को सुन, आज मैं …