Hindi Poems on Motivation – कुछ बात हो अपनी

नई दिशा बहार हो अपनी
कुछ सोचे, कुछ बात हो अपनी
हो समय कुछ भी
अच्छा या बुरा
पर नई शुरुआत हो अपनी
भूत परछाइ से सीखे, हम
आगे न दोहराना होगा
हो ग़लती कुछ भी
अब ना भटकना होगा
सपने हो अछे अछे
कल्पनाओं के रंग हो सच्चे
कोशिश भी हो पक्की पक्की
एक नहीं सो हो सच्ची
फ़लक तो देखो अपना होगा
मन में पहले गड़ना होगा
स्वप्न रंग जिस दिशा में बहते
उस दिशा तो बड़ना होगा
हो परिवर्तन”अभी की अभी”
नहीं तो सुनते खूब सभी
क्या हो तुम “कुछ नहीं”
थे जो पहले हो अभी,
पर देख सोच बदलनी होगी
नई दिशा अब, चुननी होगी

चलो सोचे इक बार जरा “हम”
नई दिशा बहार हो अपनी
कुछ सोचे कुछ बात हो अपनी

-मनोज कुमार बदलानी

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