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Hindi Poem on Greatness of Mother-Aisi Kyo Hai Tu Maa
आखिर ऐसी क्यों है तू माँ.. घर से बाहर जाते वक़्त तेरी आँखों से न ओझल हो जाऊँ मैं उस हलक तक मुझे निहारती रहती है तू आखिर ऐसी क्यों है तू माँ…। तेरे टूट जाने में ही मेरा बनना तय था फिर भी बेशर्म…