Hindi Poem on Save Daughter-Beti Hai To Jahaan Hai, Beti Ek Vardaan Hai

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बेटी है तो जहान है, बेटी एक वरदान है ! 

आज देश के हर कोने में, संकट सा मंडराया है !

प्रलय काल दे रहा निमंत्रण, खतरा सिर पर आया है !!

क्यों असुरक्षित हुई बेटियाँ, हिंदुस्तान की धरती पर ?

जिसने नहीं पालकी देखी, सो चढ़ जाती अर्थी पर !!

खून बह रहा कन्याओं का, देख रहे तुम खड़े हुए !

राखी का सम्मान कहाँ है, किस लज्जा में पड़े हुए ?

नहीं बचा सकते बहनों को, ऐ भैया धिक्कार तुम्हें !

इस धरती पर जीवित रहने का, नहीं है अधिकार तुम्हें !!

कहां सो रहे धर्मवान, तुम सत्ता के गलियारे में !

कैसे देश महान रहेगा, कर्म-धर्म अंधियारे में !!

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, तुमने दिया था नारा !

होगी सुरक्षा बेटी की, अब कहाँ अभिमान तुम्हारा !!

शर्म करो ऐ नेताओं, या कुर्सी कर दो खाली !

करो काम ऐसा मंत्री जी, देश में हो खुशहाली !!

कुछ को कोख में मार दिया, नहीं माता-पिता लज्जाते !

बिना पढ़ाऐ भार समझ कर, जल्दी ब्याह कराते !!

फिर भी क्यों दहेज के कारण, आग लगाई जाती !

या तो बेटियाँ स्वयं तंग हो, फांसी पर चढ़ जाती !!

आती नहीं शर्म नामर्दों, इनकी चिता सजाते हुए !

बाहर जाकर निज कर्मों का, फिर गुणगान सुनाते हुए !

डूब मरो ऐ दुनिया वालों, तुम्हें शर्म नहीं आती है ?

क्या सुकून मिलता तुमको, अर्थी बिटिया की जाती है !!

याद रहे जो बेटी को, इस तरह सताया जाएगा !

होगी कयामत दुनिया में, कोई जीव नहीं बच पाएगा !!

ऐ भैया ये विनय हमारी, बेटी की रक्षा करना !

बहन जान कर हर लड़की के, सारे कष्टों को हरना !!

जब बेटी हो जाए सुरक्षितबेटे, बेटे समान अधिकार हो !

निश्चय डूब रही नैया और, देश का बेड़ा पार हो !!

बनकर कृष्ण दु:शासन से, द्रौपदी की लाज बचाना है!

कहे पुष्पेंद्र सिंह यादव, अपना कर्तव्य निभाना है !!
नवयुग की चाह रखने वाले क्रांति कवि -पुष्पेंद्र सिंह यादव

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