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hindi Poem on Plight of a Woman – Tum Kaun Ho
तुम कौन हो (कविता का शीर्षक ) तुम चांद की चंचल चांदनी,या नवल पात पतझड़ की हो,तुम ओस बूंद की मोती,या आंखों की सबकी ज्योति हो,हर लेती सब कष्ट पल में,क्या शमशान की भभूती हो,!तुम सरयू का किनारा ,या गंग…