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Hindi Poem on Citizenship Amendment Act 2019 (नागरिकता संशोधन कानून 2019)-Kaun Kasoorvar
कौन कसूरवार ये जो गलियां कल तक झूम रहीं थी,आज ना जाने क्यों चुप हैं।सड़के बस तन्हा सी चली जा रहीजाने इनको कौन सा दुख है ।ये कैसा सन्नाटा छाया है ?ये कैसा समय अब आया है?कौन बतायेगा हमें,कहीं से कुछ …