hindipoems.org
Hindi Poem on Covid Pandemic-कोरोना महामारी पर कविता
बेबस धरा उमंग सी किलकती धरा, हरी ओढ़नी ओढे भू-धरा। मायूस हो गई है क्यूँ ऐ बता, क्या खता हमारी अक्षम्य सी। है प्रण अब रक्षा हम करे, अपनी धरा के खजानों की। दे रही है जो हमें जीवनदान, हम क्यूँ न सहेजे…