Hindi Poem on Money – मैं हूँ धन
काग़ज़ का एक छोटा सा टुकड़ा हूँ मैं पर दुनिया पर राज करता हूँ कभी किसी की मुठ्ठी में कभी किसी की जेब में मैं बसता हूँ कभी मंदिर में चढ़ाया जाता कभी बैंक में मैं जमा हो जाता कभी सेठ की तिजोरी मैं भरता कभी गरीब की रोटी का इंतज़ाम हूँ करता हाँ […]