Hindi poem on sun- सूरज हमारा

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सबसे तेज वाला
आग का एक बड़ा गोला है
इससे जन जीवन है
वरना धरती बर्फ का गोला है
इस से मिलती है ऊर्जा
इस से मिलती है प्रेरणा
इसको मानते हैं देवता
इसकी होती है अर्चना
हमारे शौर मंडल का सबसे बड़ा तारा
हाँ, ये तो है सूरज हमारा
– अनुष्का सूरी

Hindi Poem-आज का कलियुग

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आज का यह युग
जिसे कहते हम कलियुग
गांधी जैसे महात्मा
कसाब जैसे शैतान का युग
मानते है लड़की को देवी जहाँ
फिर भी गर्भ मे उनकी हत्या करने वालों का युग
करते है रात रात भर देवी जागरण
ऐसे कुछ भक्तों और दिल्ली के उन दरिंदो युग
नोकरी से पहले खाते ईमानदारी की कसमें
फिर भी १०० में ९० बेईमानों का युग
यहाँ अमीर कम खाता है
क्योंकि सुना है ज्यादा खाने से पेट बढ़ जाता है
सबका पेट भरने की खातिर जो किसान पसीना बहाता है
आखिर वही किसान भूख से मर जाता है
ये है बलवानों का युग,
राजतंत्र के पहलवानों का युग
चुनाव से पहले जो घर आते उन सज्जनों का युग,
चुनाव के बाद जो भूल जाते उन दुर्जनों का युग
यहाँ अमीर गरीब नहीं गरीबों को हटाते हैं
उनका कहना है गरबों के झोपड़े उनके महलों पे दाग लगाते हैं
एक तरफ ये ए.सी मे आराम फरमाते हैं
दूसरी तरफ वही गरीब लोग गर्मी से फड़फड़ाते हैं
राम नहीं,रहीम नहीं,ना समय अब कबीर का
भूल गए सब दोहे,वक़्त अब हनी सिंह का
भूल गए अब सब मंत्र
पूजा करता खुद अब संगीत यंत्र
हे भगवन आया केसा युग है
मित्रों जरा संभल के, घोर कलियुग है

-नितेश गौर

Poem Dedicated to Mother- माँ

अक्षर बच्चे ने जो सबसे पहले बोले
माँ माँ माँ माँ 

The alphabets which a child spoke for the first time

Ma Ma Ma Ma

जब पेट में भूख से चूहे कूदे 
मुझे खाना दे दो माँ

When hunger strikes in the stomach
Please give me food Ma

जब तकलीफ हो दिल ज़ोर से दुखे
माँ माँ मेरा क्या माँ होगा माँ

When my heart is in intense pain
Oh Ma, what will happen now I say

जब किसी बात से डर लगे
तब सुकून देती है माँ

When I am scared of something
My mother comforts me

जब पढने में मन ना लगे
तब समझाती है वही माँ 

When I can’t concentrate on studies
My mother counsels me

जब बच्चा कुछ बिगड़ने लगे 
ज़ोर की मार लगाती है माँ

When a child begins to be a spoiled brat
A mother corrects the child’s actions

जब बच्चे को माँ ना दिखे
बहुत याद आती है माँ

When a child can’t spot mother
The child misses her a lot

जब सब कुछ खत्म होने लगे
तब विश्वास जगाती है माँ

When everything seems to come to an end
A mother makes you feel strong

-Anushka Suri

Hindi Poem on Moon -चाँद

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रात का जब है घनघोर साया
तब आकाश में चाँद जगमगाया
टिमटिमाते तारों के आँगन में
गोल चकोर मन को भाया
चाँद की शीतल चांदनी ने
दबी आकाँक्षाओं को जगाया
चाँद कहता है सबसे रोज़
इंसान तू हार से क्यों घबराया
देख मुझे मेरे दाग देख
मुझपर बहुतों ने आरोप लगाया
मैं निडर सफ़ेद चादर ओढ़
आज फिर दोबारा यहीं आया
-अनुष्का सूरी

Hindi Poem for Indian Music -संगीत के सात स्वर

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आओ मिलकर सीखें आज
संगीत के सात स्वर सरताज
पहला स्वर है सा
इस से शुरू होता है साज़
दूसरा स्वर है रे
इस से बढ़ते हैं आगे आज
तीसरा स्वर है ग
इस से होता है गाना आगाज़
चौथा स्वर है म
इस से बढ़ता है आगे साज़
पांचवा स्वर है प
इस से आगे ऊंचा रियाज़
छठा स्वर है ध
इसे गायें बेहतर आज
सातवा स्वर है नि
इस पर खत्म हुआ स्वरों का राज़

-अनुष्का सूरी

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