मंज़िल
जो बढ़ा है ,अपना कदम आगे।
वो रुके ना किसी डर से पीछे।।
हमें हिम्मत से बढ़ना होगा।
नया आयाम फिर से घड़ना होगा।
ये मुश्किल कुछ पल की हट जायेगी।
हमे यकीं है, मंज़िल ज़रूर नज़र आएगी।।
-संजय
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Hindi Poem on Motivation-Chalta Chal
चलता चल
ग़म छूपा हँसता चल
खुद को ही छलता चल ।
कदमों में है मंजिल
बस उम्मीदें करता चल ।
राहें तो हैं मुश्किल
हिम्मत कर बढ़ता चल ।
रो मत कायर बनकर
आँसू पी लड़ता चल ।
रौशन कर दिल की लौ
अन्दर से जलता चल ।
-अजय प्रसाद
टी जी टी इंग्लिश
डीऐवी पीएस पीजीसी बिहारशरीफ़
नालंदा, बिहार-८०३२१६