पिता जी के लिये कविता
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Hindi Poem for Dad – पिता जी
मेरे पूज्य पिता जी
है सबसे बहादूर
वो सबसे बलवान
उनकी सूझ बुझ के आगे
कहाँ टिक सके कोई शैतान
वो मुझको अच्छी बातें सिखाते
मुशीबत से डट क लड़ना बताते
बाबा कहते है संघर्ष करो
मुश्किल से न तुम डरो
खूब मेहनत सच्चाई क साथ
जीत होगी तुम्हारे हाथ |
– अनुष्का सूरी
– Anushka Suri
Hindi Poem for Son from Mother-होता जो बस में
होता जो बस में
ऐ मेरे लाल
कर देती ये दुनिया
सारी तेरे नाम
तोड़ लाती चाँद तारे
भी तेरे लिए
मगर हैं सीमाएं बहुत
क्या मैं करूँ
नहीं कुछ पास मेरे
दुआओं के सिवा
न होगी कमी
उनमें कभी
भर दूंगी उनसे
झोलियाँ तेरी
दुनिया की हर ख़ुशी
तुझको मिले
जी भर के हँसे तू
नम मेरी आँख हो
हर माँ के
दिल का आशीष है
रहो मुस्कुराते
खिलखिलाते रहो
टपकें न आंसू
न दुःख कभी
आस पास हो
सुख दुःख तो हैं
सायों की तरह
कभी रात अँधेरी
कभी सुप्रभात है
खोना न धीरज
याद रखना सदा
सुनता है वो
जिसने खेल सारा रचाया
दिल माँ का भी
उसी ने बनाया
है तुम्हारी ख़ुशी में
ख़ुशी मेरे दिल की
सदा याद रखना
बात मेरे दिल की
-किरण गुलाटी