Tag Archives: मनोबल बढ़ाने वाली कविता

Hindi Poem on Hope – उम्मीद

दरों दीवार अलग – कूचा अलग
माना अलग है मकां
फिर भी नफ़्स हमारी
जुदा है कहाँ
कभी तो इनायत होगी, और
पिघलेगी तू एक रोज़
बा – दस्तूर उसी इंतज़ार में
बैठे हैं यहाँ
बे – वज़ह है ये ज़िक्र
की खता किसकी थी
गाज दोनों पे गिरी, क्या कहें
किसने कितना सहा

सहल नहीं की भूल जाएं
जो कुछ है हुआ
मुश्किल भी नहीं की, फिर सजायें
एक हँसता जहां

आर्य वशिष्ठ

Ummeed

Dar-o-deewar alag, kucha alag
Mana alag hai manka
Fir bhi nafs humari
Juda hai Kanha

Kabhi to inaayat hogi, or
Pighlegi tu ek roj
Ba-dastoor usi intezaar main
Baithe hain yahan

Be-wazah hai ye zikr
ki khata kiski thi
Gaaj dono pe giri, kya kahain
Kisane kitna Saha

Sahal nahi ki bhul jaayen
Jo kuch hai huaa
Mushkil bhi nahi ki, fir sajaaye
Ek hansta jahaan.

Arya Vashishth

Motivational Hindi Poem-Zindagi

ज़िन्दगी (कविता का शीर्षक)
कभी कभी कुछ चीज़ें
अपने मन की भी कर लेनी चाहियें
क्योंकि ये जिंदगी बहुत छोटी है
उसे बस जी लेनी चाहिए
हर मोड़ पर आई रुकावटों का
सामना कर लेना चाहिए
हार मत मानना क्योंकि
ये जिंदगी एक ही है
उसे बस जी लेनी चाहिए
-मानसी गावंड (कवयित्री)

English Translation:

Zindagi (Life) (Title of the Poem)

Kabhi kabhi kuch cheezein (Sometimes few things)

Apne man ki bhi kar leni chahiye (should be done following your heart)

Kyonki ye zindagi bahut choti hai (Because this life is very short)

Use bas jee leni chahiye (We should live/enjoy our life)

Har mod par ayi rukawato ka (The hurdles we face at each step)

Samna kar lena chahiye (We must face them with courage)

Har mat maan na kyonki (Do not accept defeat because)

Ye zindagi ek hi hai (You have only one life to live)

Use bas jee leni chahiye (You must enjoy it)

-Mansi Gawand (Poetess)

Motivational Hindi Poem-Har Dashanan Ko Hara De

हर दशानन को हरा दे..
जो चुनौती दी है तुझको,
वक़्त ने रावण बनाकर
हर दशानन को हरा दे,
कर्म को लक्ष्मण बनाकर

है सफर मुश्किल तो क्या है
मंजिलों पर रख नजर तू
कुछ कदम पर है सफलता
अपने दिल को दे खबर तू
मील के पत्थर को छूले,
एक विजेता मन बनाकर

जो तरसती आस है
सपने चलो उसमें सजा दें
मर रहा विश्वास उसमें
हौसलों की फिर हवा दें
इस धरा पर चांद लायें,
स्वप्न कुछ पावन बनाकर

रास्तों पर है अंधेरा
चुभ रहे पैरों में काँटे
बुझ गयी अंतिम किरण भी
फिर भी सांसो को समेटे
रात की कालिख मिटा दे,
सुबह को रौशन बनाकर

वो निगाह तुझ पर टिकी है
जिनके चेहरों पर उदासी
सूखते दरिया मे जैसे
रो रही हो मीन प्यासी
दर्द को महसूस कर ले,
आंख को सावन बनाकर

मुहँ मे अटकी है जुबां
क्यों शब्द भारी क्यों बने हैं
बोलना अब है ज़रूरी
प्रश्नचिन्ह कितने घने हैं
सीख अपनी बात कहना,
सच को उच्चारण बनाकर

एक सपना, एक इरादा
साथ में सम्मान रख चल
राह मे आंखें बिछाये
देखते शिलालेख,
लिख चल एक कहानी इनके ऊपर,
खुद को उदाहरण बनाकर

आग तुझमें जल रही है
क्यों डराता है अंधेरा
स्वर्ग तेरी मुट्ठीयों में
पास ही तो है सवेरा
दिशा अनोखी जिंदगी को
दे कोई कारण बनाकर

आसमा पर रख निगाह
फिर संग होंगे चांद तारे
घोल कर सोने में खुशबु
अपनी दुनिया को सँवारे
क्या मिला है यहां
किसी को लक्ष्य साधारण बनाकर
-राम वर्मा

Motivational Poem in Hindi-Himmat

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हिम्मत

हिम्मत खुद में पैदा कर ले,
हालातों से डटके लड़ ले।
तभी मिलेगा तुझको सकून,
कम न हो कुछ पाने का जनून।
हार गए जो खुद से ही,
पार नहीं पाओगे जग से।
नहीं पाओगे चैन कहीं भी
रखो तो तुम पग हिम्मत करके।
क्या जाने क्या माने जग को,
ये तो सदा ही डराता रहा सबको।
हिम्मत जिस में आ जाती हैं,
हार नहीं वो पाता, मंजिल करीब आती है।

-संजय कर्णवाल