लायी है संग तारों की बारात
ये रात
जब छाया है घना अंधेरा
ये रात
जब सो चुके हैं सब लोग
ये रात
जब जाग रहे हैं कुछ लोग
ये रात
जब जलता है टिमटिमाता दिया
ये रात
जब होता है शांत समां
ये रात
जब कोई गीत गुनगुनाता है
ये रात
जब कोई किसी की याद में आंसू बहाता है
ये रात
जो लाती है नयी सुबह
ये रात
जो है जीत की तैयारी
ये रात
जब है सबको नींद प्यारी
ये रात
जब चाँद का होता है पहरा
ये रात
जब महकता है रजनीगंधा
ये रात
जब करें ह़म तुम बात
ये रात
जो आयेगी ना कल फिर
ये रात
जो निकल गयी कुछ बातों में
ये रात
सो जाओ कल करेंगे अब बाकी बात
-अनुष्का सूरी