Posted by: anushkasuri | on January 19, 2019
भलाई है इस जगत में कोई सच्चाई । कोई कोई करे इसमें भलाई।। सच्चे मार्ग पर चलने वाले, दुःख पाते हैं पर वही जीत जाते हैं। लाखों बाधा पार करे सच से ही बस वार करे हर झूठ हराते है।। -संजय
Posted in Hindi Poem on Honesty, Hindi Poems | No Comments » Tags: ईमानदारी पर कविता, कविता परोपकार पर, भलाई पर कविता, सच्चाई पर कविता, सत्यमेव जयते कविता, satyamev jayate shayari, Truth wins poem
Posted by: anushkasuri | on December 30, 2018
साल फिर से बदल रहा है, आज भी एक साईकिल पर सवार हूँ, अपनी जरूरतें अलग रख कर, घर की ज़रूरतें पहले पूरी करता हूँ, फिर भी न जाने सबको नाखुश मैं रखता हूँ,
माना कि कड़वी है बोली मेरी, अपने हो या पराया, सच बोलकर, सिर्फ उनकी अच्छाई चाहता हूँ, फिर भी न जाने सबको नाखुश मैं रखता हूँ,
कच्ची उम्र में छूटा पिता का साया, इसलिए अपने हल्के से बुखार में डर जाता हूँ, एक पिता का मतलब अच्छे से समझता हूँ,
सख्ती और अनुशासन भी रखता हूँ, अगर रख दे वो (बच्चे) किसी पर हाथ, तो उसे लाकर, उनकी मुस्कान भी बनता हूँ, फिर भी न जाने सबको नाखुश मैं रखता हूँ,
हमेशा अपने उसूलों पर चला हूँ, गलत को गलत, और सही को सही बोलता हूँ, जिससे सबकी आँखो में खलता हूँ, इसलिए सबको नाखुश मैं रखता हूँ…
-तृप्ति शर्मा
Posted in Hindi Poem on Honesty, Hindi Poems | 4 Comments » Tags: ईमानदारी पर कविता, Hindi Poem on Honesty, imandari ki kavita in Hindi, true stories about honesty