Hindi Poems on Mother’s Day
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Hindi Poem on Mother -Janani

जननी
महफूज़ किनारा दुनिया का,
जननी का आँचल होता है।
चाहे चाँद खरीदो अंबर का,
चाहे पूरी दुनिया अपना लो तुम।
महफूज़ किनारा दुनिया का,
जननी का आँँगन होता है।
चाहे जितनी शौक बुझा लो,
तरह तरह की चीजों से चाहे तुम सोओ हरपल,
नोटों से भरे हुए बिस्तर पर,
महफूज किनारा दुनिया का,
जननी का दामन होता है।
हर रिश्ते से हटके,
कितना पावन ये दिल का बंधन होता है….
मैं तेरी परछाईं हूँ,
तेरे ही कारण आई हूँँ,
कोख में रखा,
खून से सींचा हाँ माँ!!
मैं तेरी ही जाई हूँ मेरी प्यारी माँ
-शिवांगी सिंह
एक बेटी की ओर से अपनी माँ के प्रति आभार भरी कविता
Janani
Mahfooz kinaara duniya ka,
janani ka aanchal hota hai.
Chahe chand kharido ambar ka,
Chahe puri duniya apna lo tum,
Chahe shauk bujha lo tum
apna Tarah tarah ki cheejon se,
Chahe tum sowo har pal
Noton se bhare huye bistar par
Mahfooj kinara duniya ka,
Janani ka daman hota hai.
Har rishtey se hatke,
Kitna pawan ye dil ka bandhan hota hai…..
Main teri parchhayi hun,
Tere hi karan aayi hun,
Kokh mein rakha,
Khoon se seencha, Haan maa!
Main teri hi jayi hun.
Love you mom
-Shivangi Singh
Hindi Poem on Greatness of Mother-Ma Ki Mamta
माँ की ममता
माँ तो माँ होती हैं,
माँ की ममता बड़ी निराली होती है,
सुख-दुःख में जो खुद को टूटने नहीं देती,
आखिर वही तो माँ होती है।
मत कर अभिमान चूर-चूर हो जाएगा,
माँ का अपमान मत कर
तू दुष्ट संतान कहलायेगा।
जिस माँ ने तुम्हें जीवन दिया
उस माँ को क्यों तुम भूलना चाहते हो,
तुम इतने क्यों लाचार बनना चाहते हो।
बार-बार माँ तुमसे यही कहती है कि अपना ले
माँ को वर्धाश्रम मत भेज।
तुम्हारे घर के सामने मुझे
छोटी सी कुटिया मुझे रहने के लिए दे दे ,
मैं उसमें रह लूँगी।
तुम सुख दो या दुःख दो
मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता,
बस तुम दिन में एक बार दिख जाओ
इसी बात की मुझे खुशी हो।
फिर माँ वही कहती है अपना ले
माँ को वर्धाश्रम मत भेज।
जय हिंद
जय भारत
जय माँ
जय गौ माता जी
महामाया मोड़ी माताजी।
-कवि रवि पाटीदार