Hindi Poem on Greatness of Mother-Ma Ki Mamta


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माँ की ममता

माँ तो माँ होती हैं,

माँ की ममता बड़ी निराली होती है,

सुख-दुःख में जो खुद को टूटने नहीं देती,

आखिर वही तो माँ होती है।

मत कर अभिमान चूर-चूर हो जाएगा,

माँ का अपमान मत कर

तू दुष्ट संतान कहलायेगा।

जिस माँ ने तुम्हें जीवन दिया

उस माँ को क्यों तुम भूलना चाहते हो,

तुम इतने क्यों लाचार बनना चाहते हो।

बार-बार माँ तुमसे यही कहती है कि अपना ले

माँ को वर्धाश्रम मत भेज।

तुम्हारे घर के सामने मुझे

छोटी सी कुटिया मुझे रहने के लिए दे दे ,

मैं उसमें रह लूँगी।

तुम सुख दो या दुःख दो

मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता,

बस तुम दिन में एक बार दिख जाओ

इसी बात की मुझे खुशी हो।

फिर माँ वही कहती है अपना ले

माँ को वर्धाश्रम मत भेज।

जय हिंद

जय भारत

जय माँ

जय गौ माता जी

महामाया मोड़ी माताजी।

-कवि रवि पाटीदार

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