Category Archives: Hindi Poems on Flower

Hindi Poem on Flower – हे फूल

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मिट्टी से जनमा हे फूल तू कहाँ जा रहा है
हे मित्र ,मै पृभु के चरणो मे सजने जा रहा हूँ
कभी मै किसी सुन्दरी के गजरे मे सजने जा रहा हूँ
तो कभी मै किसी नेता आ सत्कार करने जा रहा हूँ
तो कभी मृत्युशैया मे षृद़ान्जली बनने जा रहा हूँ
मेरा जीवन तो यही है मित्र
मिट्टी  से जनमा हूँ और मिट्टी मे ही मिलने जा रहा हूँ।

-आरती रस्तोगी 

Mitti se janma hei phool tu khan ja rha hai
Hei miter main parbhu k chrno me sajne ja rha hoon
Kabhi main kisi sundri ke gazrei mein sajne ja rha hoon
To kabhi main kisi neta aa satkaar krne ja rha hoon
To kabhi mirtyushya mein prsadnjali banne ja rha hoon
Mera jivan t yhi hai mitar
Mitti se jnma hoon aur mitti mein hi milne ja rha hoon

-Aarti Rastogi

Hindi Poem on Sunflower – सूरजमुखी

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हूँ पीला पीला प्यारा प्यारा 
सूरज की और है मेरा चेहरा 
देता हूँ मैं सबको तेल 
मेरी ऊर्जा का है सब खेल 
खेतों में हूँ मैं लहराता 
सूरजमुखी हूँ  मैं कहलाता 
– अनुष्का सूरी

 

Hu Peela peela pyara pyara 
Suraj ki or hai mera chehra 
Deta hu main sabko tel
Meri urja ka hai sab khel 
Kheto mein hu main lehrata
Suraj mukhi hu main kehlata
– Anushka suri

Hindi Poem on Flowers – प्यारे प्यारे फूल

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प्यारे प्यारे फूल
रंग बिरंगे प्यारे फूल
कितने कोमल कितने नाजूक
खींचे सबको अपनी और
खुशबू दूर दूर तक फैलाते
सबको अपने पास बुलाते
तुम भी बन कर फूल जैसे
सजा दो धरती को बग़ीचे जैसे

-अनु बाला

 

Pyare pyare phool
Rang birnge pyare phool
Kitne komal kitne najuk
Khinche sabko apni auor
Khushbu dur dur tak falate
Sbko apne paas bulate
Tum bhi ban kr phool jaise
Sja do dhrti ko bagiche jaise

– Anu bala

Hindi Poetry on Red Rose – गुलाब का फूल

आशिक़ों के महबूब के पैरो की धूल हूँ  Red Rose

हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ

होठों जैसे पंखुड़ियाँ मेरी कोमल

काँटों से बच के ज़रा कहीं हो न जाओ घायल

मैं तोहफा बनकर पहुँच जाता हूँ जहाँ

मुझे देख मुस्कुरा देता है सारा जहां

-अनुष्का सूरी

Hindi Poem on Flower – फूल

मुझे खिला हुआ देख है सब चहरे खिल जाए Flower

मेरी खुशबू सब दिशाओं को है महकाए

कभी बागों में कभी घर में और कभी बालों में जाऊँ सजाए

मुझे तोहफा देकर आशिक़ रूठा यार मनाए

लाल, पीला, गुलाबी, नीला, सब रंग सबको भाय

जिसकी प्यारी प्यारी कलियाँ सबके दिल को लुभाय

हाँ मैं वही हूँ जो धरती पर फूल कहाय

-अनुष्का सूरी