Hindi Poems on Rose
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Hindi Poetry on Red Rose – गुलाब का फूल
आशिक़ों के महबूब के पैरो की धूल हूँ
हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ
होठों जैसे पंखुड़ियाँ मेरी कोमल
काँटों से बच के ज़रा कहीं हो न जाओ घायल
मैं तोहफा बनकर पहुँच जाता हूँ जहाँ
मुझे देख मुस्कुरा देता है सारा जहां
-अनुष्का सूरी