Hindi Poem on Corruption-आचार जिनके भ्रष्ट हैं
आचार जिनके भ्रष्ट हैं, विचार जिनके भ्रष्ट हैं, काले धन को जमा कर, व्यापार जिनके मस्त हैं। कर रहे प्रहार नमो, पकड़कर जिनकी नब्ज़ को, वे सभी भ्रष्टाचारी आज, सरकारी नियमों से त्रस्त हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से जो, मस्त घूमते थे आतंकी, वे सभी आजकल , अपने देश में भी भयग्रस्त हैं। जनधन औऱ उज्ज्वला […]