Hindi Poems on Positive Attitude
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Hindi Poem on Hope – उम्मीद

दरों दीवार अलग – कूचा अलग
माना अलग है मकां
फिर भी नफ़्स हमारी
जुदा है कहाँ
कभी तो इनायत होगी, और
पिघलेगी तू एक रोज़
बा – दस्तूर उसी इंतज़ार में
बैठे हैं यहाँ
बे – वज़ह है ये ज़िक्र
की खता किसकी थी
गाज दोनों पे गिरी, क्या कहें
किसने कितना सहा
सहल नहीं की भूल जाएं
जो कुछ है हुआ
मुश्किल भी नहीं की, फिर सजायें
एक हँसता जहां
आर्य वशिष्ठ
Ummeed
Dar-o-deewar alag, kucha alag
Mana alag hai manka
Fir bhi nafs humari
Juda hai Kanha
Kabhi to inaayat hogi, or
Pighlegi tu ek roj
Ba-dastoor usi intezaar main
Baithe hain yahan
Be-wazah hai ye zikr
ki khata kiski thi
Gaaj dono pe giri, kya kahain
Kisane kitna Saha
Sahal nahi ki bhul jaayen
Jo kuch hai huaa
Mushkil bhi nahi ki, fir sajaaye
Ek hansta jahaan.
Arya Vashishth
Motivational Hindi Poem-Har Dashanan Ko Hara De

हर दशानन को हरा दे..
जो चुनौती दी है तुझको,
वक़्त ने रावण बनाकर
हर दशानन को हरा दे,
कर्म को लक्ष्मण बनाकर
है सफर मुश्किल तो क्या है
मंजिलों पर रख नजर तू
कुछ कदम पर है सफलता
अपने दिल को दे खबर तू
मील के पत्थर को छूले,
एक विजेता मन बनाकर
जो तरसती आस है
सपने चलो उसमें सजा दें
मर रहा विश्वास उसमें
हौसलों की फिर हवा दें
इस धरा पर चांद लायें,
स्वप्न कुछ पावन बनाकर
रास्तों पर है अंधेरा
चुभ रहे पैरों में काँटे
बुझ गयी अंतिम किरण भी
फिर भी सांसो को समेटे
रात की कालिख मिटा दे,
सुबह को रौशन बनाकर
वो निगाह तुझ पर टिकी है
जिनके चेहरों पर उदासी
सूखते दरिया मे जैसे
रो रही हो मीन प्यासी
दर्द को महसूस कर ले,
आंख को सावन बनाकर
मुहँ मे अटकी है जुबां
क्यों शब्द भारी क्यों बने हैं
बोलना अब है ज़रूरी
प्रश्नचिन्ह कितने घने हैं
सीख अपनी बात कहना,
सच को उच्चारण बनाकर
एक सपना, एक इरादा
साथ में सम्मान रख चल
राह मे आंखें बिछाये
देखते शिलालेख,
लिख चल एक कहानी इनके ऊपर,
खुद को उदाहरण बनाकर
आग तुझमें जल रही है
क्यों डराता है अंधेरा
स्वर्ग तेरी मुट्ठीयों में
पास ही तो है सवेरा
दिशा अनोखी जिंदगी को
दे कोई कारण बनाकर
आसमा पर रख निगाह
फिर संग होंगे चांद तारे
घोल कर सोने में खुशबु
अपनी दुनिया को सँवारे
क्या मिला है यहां
किसी को लक्ष्य साधारण बनाकर
-राम वर्मा