Hindi poem on Earth- धरती मां की गोद
हंसी-हंसी से बनी मुस्कान मां कहती मुझसे धरती भी तेरी मां बनी, खेल- कूद लपक -झपक तु इस पर ही आएगा सिंचे इसमें जो खून पसीना वो कहलावे किसान। हंसी-हंसी से बनी मुस्कान, हंसी-हंसी से बनी मुस्कान। लोट-पोट हो जाऊं इसमें नींद न आवे तो सो जाऊं इसमें, प्रकृति कि पूजा भगवान का नाम दूजा […]