मेरा भाई है सबसे अच्छा
मेरा भाई है सबसे प्यारा
उसके ऊपर मैंने
अपना सब कुछ वारा
उसकी कलाई पर
सजेगी मेरी राखी
साथ में होगा
तिलक और बाती
खिलाऊँगी मैं उसको
अपने हाथों से बनायीं खीर
वही है मेरा अनमोल रतन
वही है मेरा वीर
हर राखी हर त्यौहार
संग मनाना मेरे भईया
-अनुष्का
Category Archives: Hindi Poems for Brother
Hindi Poem for Dear Brother-मेरा भाई तरुण

मेरा भाई तरुण
सीधा सादा सा,
पतला सा लम्बा सा,
है मेरा तरुण.
प्यार सा लगता है जब वो बाते करता है
पर जेसा भी है मेरा भाई तरुण है..मस्ती मज़ाक करता है,
पर भावनाओं की कदर करना भी जानता है.
तस्वीरें एडिट करता है,
प्यार सा लगता है जब वो बाते करता है
पर जेसा भी है मेरा भाई तरुण है..मस्ती मज़ाक करता है,
पर भावनाओं की कदर करना भी जानता है.
तस्वीरें एडिट करता है,
खुद को एडिटर कहता है,
तारीफ करो to चने के झाड़ पे चढ़ता hai,
पर जरूरत पड़ने पर साथ चलना भी जानता है..
जैसा भी है मेरा bhai तरुण है.परिवार उसकी जान है
दोस्त उसकी शान है और बहन का प्यार उसकी आन है..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.जब भी आंसू देखता है मेरी आखों में
पर जरूरत पड़ने पर साथ चलना भी जानता है..
जैसा भी है मेरा bhai तरुण है.परिवार उसकी जान है
दोस्त उसकी शान है और बहन का प्यार उसकी आन है..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.जब भी आंसू देखता है मेरी आखों में
तो पूछता है क्या हुआ?
पागल ये नहीं जानता कि ये आंसू ग़म के नहीं
उस जैसे भाई के मिलने की खुशी के हैं..
चिढ़ाता है, परेशान करता है, कभी कभी रुला भी देता है,
पर मेरे होठों पे मुस्कुराहट लाना भी जानता है.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.अकड़ू है, गुस्से वाला है, क्यूट है, भुलक्कड़ है,
पर अपने वादे निभाना जानता है वो.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.छोटी छोटी बातें उसे समुन्दर जितनी लगती हैं,
बड़ी बड़ी बातें उसे प्याले जितनी लगती हैं,
टेन्षन लेता है, दुखी होता है, पर हंसना ख़ूब जानता है.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.दोस्त है उसके बहुत पर उनमें कोई ख़ास भी है,
मस्ती करता है लड़कियों के साथ, पर अपनी हदें ख़ूब पेहचानता है..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.जब मिलते हैं तब घंटों बाते किया करते हैं,
चिढ़ाता है, परेशान करता है, कभी कभी रुला भी देता है,
पर मेरे होठों पे मुस्कुराहट लाना भी जानता है.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.अकड़ू है, गुस्से वाला है, क्यूट है, भुलक्कड़ है,
पर अपने वादे निभाना जानता है वो.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.छोटी छोटी बातें उसे समुन्दर जितनी लगती हैं,
बड़ी बड़ी बातें उसे प्याले जितनी लगती हैं,
टेन्षन लेता है, दुखी होता है, पर हंसना ख़ूब जानता है.
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.दोस्त है उसके बहुत पर उनमें कोई ख़ास भी है,
मस्ती करता है लड़कियों के साथ, पर अपनी हदें ख़ूब पेहचानता है..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है.जब मिलते हैं तब घंटों बाते किया करते हैं,
दिन कब शुरू होता है और रात कब खत्म होती है पता ही नहीं चलता,
बिन कहे समझ जाता है मेरे दिल की बात,
है ऐसा रिश्ता जो तोड़ने से भी ना टूटे..
दुआ है मेरी ये दोस्ती कभी ना छूटे…
जरूरत होती जब भी मुझे उसकी तो हमेशा साथ होता है मेरा भाई,
आशा है कि आगे भी साथ निभायेगा एक बहन का भाई..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है….
बिन कहे समझ जाता है मेरे दिल की बात,
है ऐसा रिश्ता जो तोड़ने से भी ना टूटे..
दुआ है मेरी ये दोस्ती कभी ना छूटे…
जरूरत होती जब भी मुझे उसकी तो हमेशा साथ होता है मेरा भाई,
आशा है कि आगे भी साथ निभायेगा एक बहन का भाई..
जैसा भी है मेरा भाई तरुण है….
-कविता परमार