Hindi Poem on God-Ishwar Ki Khoj

ईश्वर की खोज

मंदिर में गया
मस्जिद में गया
गिरिजाघर में गया
गुरुद्वारे में गया
पर ..भगवान् फिर भी ना मिला ….

चादर चढ़ाई
ज्योत जगाई
अर्ज़ी लगाई
पर …भगवान् फिर भी ना मिला…

भूखा रहा
प्यासा रहा
घंटों – घंटों जगता रहा
पर भगवान् फिर भी ना मिला …..

भूख के मारे बीमार हो गया
गरीब हो गया
अंत मे मिला ,अंत मे मिला पर जब मिला अपने अंदर ही मिला …..,

मिलते ही एक बात कही
मंदिर में ना मज़्जिद में ,
मै हूँ सबके चित्त (मन ) में ……|||

-सुमित सिहाग

Hindi Poem on Sleep-Neend

नींद तो जन्नत है ।
हर रात की मन्नत है ।

सुकून जिसमें है बहुत,
ये नींद की फितरत है।

क्या दर्द क्या चिंता है ।
ख्याबो में तो शोहरत है।

उनींदी आँखों से पूछो ,
नींद तो ज़रूरत है ।

जीवन से जब हो पलायन ,
हर वासना से उन्मत है ।

सक्रिय मुहूर्त के बाद ,
नींद तो जमैयत है।

-रीत (रितिका ) दाँगी

Hindi Poem on Brave Soldiers-हम सैनिक हैं बड़े हठीले

हम सैनिक हैं बड़े हठीले,
हम कुछ भी कर जायेंगे।
अरि सुनकर पद ध्वनियों को,
वो दिल ही दिल में दहशत खायेंगे।
हम ऐसे वीर मतवाले हैं,
जैसे लड़ सको हम लड़ जायेंगे।
हम नहीं ठहरते पलभर भी,
बैरी का सीना चीर के आयेंगे।।
वीरगति चाहें भले मिले,
पर दुश्मन का अस्तित्त्व मिटायेंगे।।
-सर्वेश कुमार मारुत
फरीदपुर बरेली ( उत्तर प्रदेश)

Hindi Poem on Sleeplessness: Neend

नींद भी इतनी खफा है हमसे अब आयी तो सुबह न होगी,

कहती है जिंदगी को ज़हर देदो 
दवाओं में असर रहा नही,
खुद को अंधेरे में कैद कर लो 
अब कोई सवेरा नया नही ,

थक गया हूँ , थकान ऐसी की थकने की वजह मालूम नही,
आंखे कहती है नींद लेलो, 
मगर नींद कुछ खफा है हमसे, खफा इतनी की अब आयी तो सुबह न होगी ।

-आयुष बैद

Meri bhi apni shaili hai-I have my own poetry Genre

मेरी भी अपनी शैली है,
काव्यमय अद्भुत पहेली है,
अलंकारों से पूर्ण सुशोभित,
भाव रसों से बनी अलबेली है।
मेरी भी अपनी शैली है,
काव्यमय अद्भुत पहेली है।
आम समझ से परे है किंतु,
बात सरल सुरीली है,
आड़े- तिरछे समय में भी,
बात न टेढ़ी-मेढ़ी है,
मेरी भी अपनी शैली है,
काव्यमय अद्भुत पहेली है।
भाव सरस पर आम नहीं,
हथियारों का यहां कोई काम नहीं,
पंक्तियों की चोट अक्सर होती,
तलवारों से भी पैनी है,
मेरी भी अपनी शैली है,
काव्यमय अद्भुत पहेली है।

-मयंक गुप्ता