Tag Archives: Hindi Poem on God

Hindi Poem on God-Shoonyata

शून्यता
ऐसी विशालता का भी क्या
जो अपने में समाने की इज्ज़त भी न दे;
भले ही लदे रहो, श्वेत रत्नों से,
पर ऐसे हुस्न का भी क्या,
जो टिकने भी न दे, चन्द मुसाफ़िरों को;
ऐसी ख्याति का भी क्या,
जो पाल न सके,चार परिंदों को;
यूँ तो देखे हैं हमने बहुत ख़लीफ़ा,
पर ऐसी खलिफ़्त का भी क्या,
जो दे ना सकें मरहम एतबार का;
ऐसी खलिफ़्त से तो हम, बेनाम ही सही,
कम से कम हमारे जहन्नुम में ,
चार परिंदे तो उड़ते है,
भर भर के पलेंगे, गगन तो छूते हैं;
हमें गुरूर है अपने गुमनाम-ए-शहर का,
जो कम से कम पाले तो है सबको,
तुम बने रहो जन्नत, हम गुमनाम ही सही,
हमें अपनी इस ताशीर पर ही नाज़ है;
और जो ढूंढते हैं,जन्नत लपलपा कर हर दिन,
हम उन्हें भी अपना सरायदार मानते हैं,
तुम दे देना, एक बार दीदार उन्हें,
कसम खाकर कहता हूँ,
वो लौटकर आएंगे, हमारे सरायदार बनकर;
तुमने ओढ़ी है चादर श्वेत मोतियों की,
हमने ओढ़ा है मैला आँचल ही सही,
पर याद रखना,
फटती है चादर तुम्हारी, जबभी कभी,
उसे सहते हैं, हमारे सरायदार ही सभी
-शशांक मानव

Hindi Poem on God-Ishwar Ki Khoj

ईश्वर की खोज

मंदिर में गया
मस्जिद में गया
गिरिजाघर में गया
गुरुद्वारे में गया
पर ..भगवान् फिर भी ना मिला ….

चादर चढ़ाई
ज्योत जगाई
अर्ज़ी लगाई
पर …भगवान् फिर भी ना मिला…

भूखा रहा
प्यासा रहा
घंटों – घंटों जगता रहा
पर भगवान् फिर भी ना मिला …..

भूख के मारे बीमार हो गया
गरीब हो गया
अंत मे मिला ,अंत मे मिला पर जब मिला अपने अंदर ही मिला …..,

मिलते ही एक बात कही
मंदिर में ना मज़्जिद में ,
मै हूँ सबके चित्त (मन ) में ……|||

-सुमित सिहाग

Hindi Poem on God-अभिवादन हो

अभिवादन हो। ईश्वरीय प्रेम की एक झलक,
मै अचरज मे ठहरा। काला हुआ संसार,
चारो ओर अंधेरा। पावस अभिवादन हो।
काली घटा चमन मेँ, सर्वत्र वीरान सा।
एक तरंग ह्रदय मेँ कौँधी, वह ध्वनि किसकी थी।
पावस अभिवादन हो। टूट पडा एक संदेश,
जलद का भूलोक पर। तृप्त हुई धरती अंगार सी,
बुझी प्यास मानो शोणित तलवार की।
पावस अभिवादन हो। प्रफुल्लित हुऐ वे नैन,
जो सूख चुके थे वीरान से।
सतरंगी एक सरिता दिखी अनन्त मेँ,
दुखी क्षुधा की भूख,मिट गई क्रांति बाण से।

-हितेश कुमार गर्ग

Abhivadan ho ishvriy prem ki jhalak
Main achraz mein thera kala hua sansaar
Charon aur andhera pawas abhivadan ho
Kali ghata chamn mein savtar viraan sa
Ek tarnag hardy mein kondhi , veh dhabni kiski thi
Pawas abhivadan ho toot pada ek sandesh
Jalad ka bhulok par tripat hue dharti angaar si
Bujhipyaas mano shonit talwar ki
Pawas abhivadan ho prafulit hue ve nain
Jo sukh chuke they viraan se
Satrangi ek sarita dikhi annat mein
Dukhi shudha ki bhukh mit gayi kranti baan se

-Hitesh Kumar Garag

Hindi Poem on God – मैंने देखा है खुदा को

 

हां मैंने देखा है खुदा को कूड़े के ढेर पर कचरा बिनते
मासूम बच्चो के हसीं सपनो में हां मैंने देखा है
खुदा को बड़ी सी कोठी में अकेली लेटी
बेबस माँ की चेहरे की झुर्रियों में हां मैंने देखा है
खुदा को मौत की छाती पर जंग लड़ते
सिपाही के हौसलों में हां मैंने देखा है
खुदा को निस्वार्थ परोपकार में जिंदगी लुटाते
अनगिनत सज्जनो के भावो में हां मैंने देखा है
खुदा को थके हुए मुसाफिर के अडिग चाल में
हां मैंने देखा है खुदा को मुश्किलों से लड़ते
हर उस शख्स में जिसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी
जिसने कभी हार नहीं मानी जिसने त्याग से,
बलिदान से जिंदगी को नए मायने दिए
समाज को ,धर्म को ,राष्ट्र को अपनी खुशबु से
महकाया अपनी रौशनी से उज्जवल किया हां
मैंने देखा है खुदा को ……..

– जितेंद्र जैन 

Haan mene dekha hai khuda ko kude ke dheir pe kachara binte
Masoom bachon ke hasin sapno mein hanmene dekha hai
Khuda ko badi si kothi me akeli leti
Bebas maa ki chehre ki jhuriyaan mein haan menee dekha hai
Khuda ko maout ki chati par jung ladte
Sipahi ke hoslon mein haan mene dekha hai
Khuda ko niswarth propkaar mein zindgi lutate
Anginat sajanno ke bhavo mein haan mene dekha hai
Khuda ko thake hue musafir ke aadig chal mein
Haan mene dekha hai khuda ko mushliyon se ladte
Har us shkas mein jisne kabhi umid nahi chodi
Jisne kabhi haar nahi mani jisne tyaag se
Balidaan se zindagi ko naye mayne diye
Samaj ko dharam ko rashtra ko apni khushbu se
Mhkaya apni roshni se ujwal kiya hai haan
Mene dekha hai khuda ko…

-Jitendra Jain

Hindi Poem on Durga Puja

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है चण्डी वो ,वो  प्रतापिनी 
है माँ दुर्गा वो गर्जनी
दानवो का संहार करदनी
मानवो की रक्षा करदनी
पूजा माँ को वो कृपालिनी
बोलो जय दुर्गा वंदनी

-अनुष्का सूरी

Hai chandi wo, wo pratapini
Hai ma durga, wo garjani
Danavo ka sanhar kardani
Manavo ki raksga kardani
Pujo Maa ko wo kripalini
Bolo Jai Maa Durga vandani

-Anushka Suri

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