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Hindi Poem on Sleeplessness: Neend


नींद भी इतनी खफा है हमसे अब आयी तो सुबह न होगी,

कहती है जिंदगी को ज़हर देदो 
दवाओं में असर रहा नही,
खुद को अंधेरे में कैद कर लो 
अब कोई सवेरा नया नही ,

थक गया हूँ , थकान ऐसी की थकने की वजह मालूम नही,
आंखे कहती है नींद लेलो, 
मगर नींद कुछ खफा है हमसे, खफा इतनी की अब आयी तो सुबह न होगी ।

-आयुष बैद