Hindi Poem on Life Struggle-Safar

सफ़र
सफ़र पर निकल पड़ो मन में संकल्प लेकर
चाहे अमावस की रात हो या पूनम का चांद
चाहे आये तुफान या तनी हों बन्दूकें
ना डरना है ना गिरना है ना भागना है
डरना क्यों आत्मविश्वास जब बलवान है
मुस्कुराके आगे बढ़ते रहो हिम्मत न हारो
असफलता एक चूनौती है, स्वीकार करो
नीद चैन को संघर्ष पथ पर, बलिहार करो
लगे रहो जब तक न सफलता साथ हो
हमेशा हर समय बस लक्ष्य की ही बात हो
-दीपान्जली
दीपा रामदास शिंपी नवसारी गुजरात
3/12/2019
Gud one