Tag Archives: Hindi Poems for Mummy

Hindi Poem on Mother – माँ की गोद

माँ की गोद में खेलता बचपन,
पापा के साथ हँसता बचपन |
सीढियों पे दौड़ता बचपन,
झूलों पे झूलता बचपन |
मिट्टी में लुडकता बचपन,
बाइक पे सवारी करता बचपन |
याद आता है मुझे मेरा बचपन,
सोचती हूँ क्यों होता है ये बचपन |
सोचते थे की बड़े हो जाये, तो
सब पर अपना हुकुम चलाये |
पर अब सोचते है फिर से छोटे हो जाये,
तो अनजाने में ही सब पर हुकुम चलाये |
माँ की गोद में खेलता बचपन,
पापा के साथ हँसता बचपन |

-जाह्नवी इस्तवाल

Maa ki god mein khelta bachpan
Papa ke sath hasta bachpan
Siddiyon pe dodta bachpan
Jhulon pe jhulta bachpan
Mitti me ludakata bachapn
Bike pe swari karta bachapn
Yaad aata hai muje mera bachapn
Sochti hu kyu hota hai ye bachapn
Sochte they ki bade ho jayege to
Sab par apna hukum chalaye
Par ab sochte hai fir se chote ho jaye
To anjane me hi sab par hukum chalaye
Maa ki god mein khelta bachpan
Papa ke sath hasta bachpan

-Jahnavi Istwal

Poem Dedicated to Mother- माँ

अक्षर बच्चे ने जो सबसे पहले बोले
माँ माँ माँ माँ 

The alphabets which a child spoke for the first time

Ma Ma Ma Ma

जब पेट में भूख से चूहे कूदे 
मुझे खाना दे दो माँ

When hunger strikes in the stomach
Please give me food Ma

जब तकलीफ हो दिल ज़ोर से दुखे
माँ माँ मेरा क्या माँ होगा माँ

When my heart is in intense pain
Oh Ma, what will happen now I say

जब किसी बात से डर लगे
तब सुकून देती है माँ

When I am scared of something
My mother comforts me

जब पढने में मन ना लगे
तब समझाती है वही माँ 

When I can’t concentrate on studies
My mother counsels me

जब बच्चा कुछ बिगड़ने लगे 
ज़ोर की मार लगाती है माँ

When a child begins to be a spoiled brat
A mother corrects the child’s actions

जब बच्चे को माँ ना दिखे
बहुत याद आती है माँ

When a child can’t spot mother
The child misses her a lot

जब सब कुछ खत्म होने लगे
तब विश्वास जगाती है माँ

When everything seems to come to an end
A mother makes you feel strong

-Anushka Suri

Hindi Poem for Beloved Mother – मन मंदिर तुझे सजाऊंगा

maa

कौन मुझे इस जग में लाया
किसने अपना दूध पिलाया
किसने मुझे चलना सिखाया
किसने मेरा दर्द अपनाया
कौन करे मुझ पर सब बरबस
कौन मनाये मेरा जन्म हर बरस
कौन चाहे मेरी मुस्कान सदा
कौन जाने मेरी सही सज़ा
कौन खुश होगा देख मेरी तरक्की
कौन चाहेगा मेरी नौकरी हो पक्की
कौन रोयेगा जब मैं रोऊँ
कौन रोयेगा जब मैं हंसु
कौन कहेगा करो पढाई
कौन कहेगा कहानी है पिटाई
कौन खिलायेगा मुझे रोटी
कौन सुनाएगा कहानियां छोटी
कौन खिलायेगा मीठी खीर
कौन अपनाएगा मेरी पीर
कौन करेगा मेरी चिंतन
कौन करेगा मेरा ह्रदय मंजन
जब से जब में आया हूँ
जब इस जग से जाँऊगा
तेरा नाम लेकर ही माँ
मन मंदिर तुझे सजाऊंगा

-अनुष्का सूरी

Hindi Poem on Mother-ओ माँ तुझे सलाम

भगवान का सबसे सुन्दर वरदान हो तुम maa
माँ मेरे लिये तो सारा जहान हो तुम
मुझे अच्छाई का पाठ पढ़ाती
सच्चाई की राह पर मुझे चलाती
रात को लोरी गा कर मुझे सुलाती
सुबह प्यार से मुझे जगाती
मेरे लिये बढिया पकवान बनाती
करूँ जो शरारत तो डांट लगाती
मेरी खुशियों की खातिर करती हो सब कुछ कुर्बान
ओ माँ तुझे सदा है मेरा सलाम