नया वर्ष
बीते वर्षों ने मिलकर
एक बैठक बुलाई
आओ नये वर्ष की दुल्हन को
देते हैं बधाई
हवा से कह दो कि
गगन सारा महकाए
फूलों से कह दो कि
वर्षा बन कर आए
इन भंवरो से कह दो कि
कोई गीत सुरीला गाए
सूरज की लाली से
इस की माँग सजाएं
इस मिट्टी से कह दो कि
कलश यह बन जाए
नये वर्ष की दुल्हन को
आओ गृह प्रवेश करवाए
-गरीना बिश्नोई