
सुन्दर सुबह (कविता का शीर्षक)
सूरज आने वाला है
सूरज आने वाला है
कौन कौन और आयेगा
सोचकर इतराती मैं
सूरज संग किरणें लाएगा
खुशी का माहौल छायेगा
नन्हे पौधे मुसकुराऐंगे
फसलों के खेत खिलखिलाएंगे
सूरज आने वाला है
सूरज आने वाला है
फूल खिल उठेंगे
अब भौरे भी मंडराऐंगे
तितलियाँ रस चुरा लेंगी
पक्षी भी इठलाऐंगे
भौरे ,पक्षी , तितली, पौधे
सभी खुशी से खिल उठेंगे
लेकिन मानव उदासी के साथ
आलस की डोरियों मे बंधकर
क्यों सुंदर सुबह से रूठेंगे!?
-ख़ुशी (कवयित्री)
कविता का सन्देश:
इस कविता के माध्यम से मेरा मतलब है कि प्रातः काल में सारे पौधे, पक्षी ख़ुशी से खिल उठते हैं लेकिन मानव हालात की डोरियों में बंध कर ही रह जाते हैं और सुन्दर प्रभात का फायदा नहीं उठा पाते।
Sundar Subah (Title of Poem)
Suraj aane wala hai
Suraj aane wala hai
Kaun kaun aur ayega
Sochkar itrati main
Suraj sang kiranein layega
Khushi ka mahaul chhayega
Nanhe paudhey muskurayenge
Faslo mein khet khilkhilayenge
Suraj aane wala hai
Suraj aane wala hai
Phool khil uthenge
An bhaurey bhi mandrayenge
Titliyan ras chura lengi
Pakshi bhi ithlayenge
Bhaurey, pakshi, titli, paudhey
Sabhi khushi se khil uthenge
Lekin manav udasi ke sath
Alas ki doriyo mein bandhkar
Kyo sundar subah se ruthenge?
-Khushi (Poet)