Shaadi – Hindi Poem on Marriage
सोच सोच के किसी ने सोचाकि शादी का क्या मतलब होगा?बहुत सोचा पर कुछ ना सुझाफिर कागज़ पे ये शब्द लिखाऔर उसको किया जब उल्टा फ़ूलटातो अंत में ये नतीजा निकलाकि मत कहो इसे बर्बादीक्योंकि इसी से तो है ये आबादीजैसे दिशाहीन नाव को राह दिखाता एक मांझीवैसे ही जीवन रुपी इस नाव को जो कीनारे पे है लातीअसल में यही तो है शादी-अर्पन शाह
Very nice poem nicely written
Very nice poem………………
Nicely crafted words… Just superb… Keep up the good work… 🙂