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Hindi Poem on Rain-वर्षा ऋतू पर कविता


यह बारिश की बूंदें कुछ कह रहीं हैं
इस हरियाली को नया जीवन सौंप रही हैं
आसमान से नदियों का कण-कण बन के बह रही हैं
यह बारिश की बूंदें कुछ कह रहीं हैं|
ये बिन मौसम की बारिश
अपने होने का एहसास दिला रहीं हैं|
ये बूंदें छोटी हैं पर आत्मनिर्भर पत्तों से टकरा कर
मेरे हाथों मे ठहर रहीं हैं
यह बारिश की बूंदें कुछ कह रहीं हैं|
कड़कती धूप का अस्तित्व मिटाकर
सावन के लिए खोया हुआ प्यार जगाकर
ये बंजर दिलों और ज़मीनों को तर कर रहीं हैं
यह बारिश की बूंदें कुछ कह रहीं हैं|
आओ लौट चलें उन यादों में
जी लें बचपन फिर उन बरसातों में
वो जो रह गया ज़िन्दगी की
कशमकश की फरियादों में
वो बिजली का कड़कना,
वो हम सबका डरना
कशतियाँ बनाना
और मज़े करना
हवा के साथ यह बूंदें लहर जगा रहीं हैं
यह बारिश की बूंदें कुछ कह रहीं हैं|
जया

Message from Poet:

Rain is medium of escape from anxiety and this busy world. People should embrace little joys in their life as life is too short.