सब के अंदर धड़कता हूँ
हाँ मैं वही दिल हूँ
मेरे बिना है जीना मुश्किल
अगर हो जाऊँ बीमार तो मरना होगा तिल तिल
हाँ मैं वही दिल हूँ
मुझे लेकर हैं आशिक़ रचनायें रचते
मेरे खोने बदलने के होते हैं चर्चे
हाँ मैं वही दिल हूँ
-अनुष्का सूरी
सब के अंदर धड़कता हूँ
हाँ मैं वही दिल हूँ
मेरे बिना है जीना मुश्किल
अगर हो जाऊँ बीमार तो मरना होगा तिल तिल
हाँ मैं वही दिल हूँ
मुझे लेकर हैं आशिक़ रचनायें रचते
मेरे खोने बदलने के होते हैं चर्चे
हाँ मैं वही दिल हूँ
-अनुष्का सूरी