Tag Archives: Hindi rhyme on roti

Hindi Poem on Roti – रोटी

हूँ सबकी चाहत Roti

हूँ सबकी ज़रूरत

सबका पेट भरती हूँ

हाँ मैं रोटी हूँ

गोल गोल है मेरा आकर

सब्जी के साथ बनाऊँ पौष्टिक आहार

चाहे हो बच्चा, बूढ़ा या हो जवान

रोटी खाकर ही आती हा तन में जान