Hindi Poem on Covid-2019 Pandemic-Mahamari Corona


महामारी (कोरोना)

चीन ने किया है ऐसा वार
पूरी दुनिया गई है हार

इसके लक्षण हैं तज बुखार, सिर दर्द और साँस लेने में तकलीफ,
लोग माँग रहे हैं जान की भीख
इससे बचना है तो हाथ बार-बार धोना है
इस घातक बीमारी का नाम ‘कोरोना’ है

‘1720’, ‘1820’ और ‘1920’
आखिर क्या है इस ’20’ का राज?
पहले भी ऐसे ही आ रही थी मौत की आवाज
अब फिर ‘2020’ में जी उठा है शैतान
जिससे सबसे पहले संक्रमित हुआ चीन का ‘वुहान’

चमगादड़, साँप, बिच्छू सबको बना रहे हैं आहार
चीन की क्रूरता से खतरे में है आज पूरा संसार
भगवान ने दिया है सबको जीने का अधिकार
सभी चार पैर वालों पर फिर तुम क्यों करते हो प्रहार?
तुम्हारे स्वाद से आज पूरा विश्व है लाचार
खुदा भी इनकी निर्दयता देखकर कहेगा:
चीन वालों तुम पर है धिक्कार!

आज हर इंसान की खतरे में है जान
महामारी की आड़ में डूब रही देश की शान
लोग सैनिटाइजर और मास्क के कारोबार के घोटाले से बन रहे हैं धनवान
आज लोगों में जरा भी इंसानियत नहीं बची है,
एक दिन पैसा होगा लोगों से बढ़कर, हमें नहीं था ज्ञान,
अपने फायदे के लिए लोगों को कर रहे हैं कुरबान
ये सारा पैसा धरा रह जाएगा एक दिन यहीं
मौत के बाद लोग जहाँ जाते हैं
सबको जाना है एक दिन वहीं

इस आपदा को नियंत्रण में लाने के लिए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जनता कर्फ्यू’ का चलाया प्रावधान
और कहा सभी देशवासियों से की रहे सावधान
जो नहीं मानते वे हैं इस बात से अज्ञात
इस ‘वायरस’ को कोई भी भाए बच्चा, बूढ़ा और जवान
जो करे समर्थन देश का, वही है सच्चा इंसान

जिस प्रकार ‘इटली’ में रोजाना जा रही है लोगों की जान
दिन प्रतिदिन ये देश बनता जा रहा है शमशान
अगर ‘भारत’ में नहीं चाहते हो ऐसा हाल
तो घर पर रहकर दो देश का साथ
वरना सोचते रह जाओगे, ये महामारी चलेगी ओर कितने साल?

हर 100 साल में क्यों मौत का खेल खेला जा रहा है?
अपनों के मरने के गम में हर कोई आँसू बहा रहा है
कितना अजीब सा है ये खेल
जो गलती लोगों ने की ही नहीं, उसे रहे हैं झेल
हर 100 साल में महामारियों का क्या है मेल?
जिनको हो रहा है ये वायरस
वे काट रहे हैं बिना अपराध की जेल

अपने ही घर से बाहर निकलने में आज डर रहे हैं कुछ लोग
चीन ने कैसा फैला दिया है ये रोग
जो गलती लोगों ने की ही नहीं
उसकी सजा रहे हैं वे भोग

लोगों में फैल रहा है इस प्रकार कोरोना का डर
हजारों की तादाद में लोग रहे हैं मर

इस जानलेवा वायरस का मिला नहीं अभी कोई तोड़
इसके डर से सुनसान पडे हैं गली और रोड
कभी सोचा भी न था कि, जिंदगी लेगी ऐसा मोड़
कि लोग घरों में रहकर कहेंगे, कोरोना अब तो हमारा पीछा छोड़

हे भगवान! आपसे बस यह विनती है हमारी
पड गई है संकट में आज दुनिया सारी
दुनियाभर में तेजी से फैल रही है ये महामारी
बेगुनाह लोगों पर हो रही है भारी
आप हमें इस आपदा से बचा लो
हम आप पर रहेंगे जीवनभर आभारी!

गलती एक देश की भुगत रहा पूरा संसार
चीन ने किया है ऐसा वार!!
-हिमांशु राणा

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