Hindi Poem on Politics-Rajneeti Ki Vyatha

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राजनीति की व्यथा

क्यों मार डाला तुमने राजनीति को,
क्यों नहीं अपनाते हो अच्छी नीति को।
क्यों कलंकित कर डाला तुमने राजनीति को,
क्यों नही छोड़ते हो गन्दी नीति को।
क्या बिगाड़ा था तुम्हारा राजनीति ने,
क्यों विध्वंस कर दिया तुमने राजनीति को।
भ्रष्टाचारियों को देखकर पैसो का उतर गया रंग,
दगाबाजी नेताओं को देखकर यह गए सब दंग।
फरेब नेताओं को तुमने राजनीति में उतार दिया,
जिन्हे आती थी करना अच्छी राजनीति,
उन्हें घर में ही क्यों बिठा दिया।

-कवि रवि पाटीदार

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