Hindi Poem on Politics
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Hindi Poem on Politics-Rajneeti Ki Vyatha
राजनीति की व्यथा
क्यों मार डाला तुमने राजनीति को,
क्यों नहीं अपनाते हो अच्छी नीति को।
क्यों कलंकित कर डाला तुमने राजनीति को,
क्यों नही छोड़ते हो गन्दी नीति को।
क्या बिगाड़ा था तुम्हारा राजनीति ने,
क्यों विध्वंस कर दिया तुमने राजनीति को।
भ्रष्टाचारियों को देखकर पैसो का उतर गया रंग,
दगाबाजी नेताओं को देखकर यह गए सब दंग।
फरेब नेताओं को तुमने राजनीति में उतार दिया,
जिन्हे आती थी करना अच्छी राजनीति,
उन्हें घर में ही क्यों बिठा दिया।
-कवि रवि पाटीदार
Hindi Poem on Elections in India-Kisko Vote Karu Main
किसको वोट करूँ मैं ?
किसको वोट करूँ मैं ?
किसको वोट करूँ मैं भारत,
किसको वोट करूँ मैं ?
जिसने पटेल जी की मूर्ती बनवाई,
या जिसने लोगों को एकता में जोड़ा
किसको वोट करूँ मैं ?
जो सिर्फ विपक्ष की बुराइयाँ करता रहा,
या जो चुपचाप बुराई सुनता रहा
किसको वोट करूँ मैं ?
जो गाँधीजी का नाम ले, हिंसा करता रहा
या जो हिंसा सहता और देखता रहा
किसको वोट करूँ मैं ?
जो देश का सारा धन लेकर भाग गया,
या जो देश के धन से विदेश यात्रा करता रहा
किसको वोट करूँ मैं ?
जो गौ माता के नाम पर दो भाइयों को लड़ाता रहा
या जो खुले आम गौ माता का कत्ल करता रहा
किसको वोट करूँ मैं ?
सरहदों पर सैनिकों के बलिदान को राजनीति बनाता रहा
या जो बलिदान पर शोक व्यक्त करता रहा
किसको वोट करूँ मैं ?
पक्ष -विपक्ष के इस खेल में
आम आदमी हुआ परेशान,
सत्ता की होड़ में धूमिल हुई देश की शान ।
कोई हर उम्मीदवार का नारको टेस्ट करा दो,
कोई तो नेताओं के चेहरे से नकाब हटा दो,
कोई तो बता दो,
किसको वोट करूँ मैं भारत,
किसको वोट करूँ मैं ?
-अन्नपूर्णा