सबको जोड़ती हूँ एक दूसरे से
मैं वही भाषा हूँ
जिसके मन में जो बात हो
वो कहता है लेकर मेरे शब्दों का सहारा
कोई रचता है काव्य कोई साहित्य
और कोई लगा देता है नारा
हाँ मैं वही भाषा हूँ
सबको जोड़ती हूँ एक दूसरे से
मैं वही भाषा हूँ
जिसके मन में जो बात हो
वो कहता है लेकर मेरे शब्दों का सहारा
कोई रचता है काव्य कोई साहित्य
और कोई लगा देता है नारा
हाँ मैं वही भाषा हूँ