नववर्ष का शुभ आशीष
हो उन्नत धरा अनाजों से,
हो विकसित नर विचारों से,
न जन्में लड़का और लड़की,
बस आंगन खिले संतानों से,
आगे बढ़ें मिल सब धर्म यहाँ,
प्रेम स्वर निकले हर इंसानों से,
यही सिखा गया हमें बीता अतीत,
है यही नव वर्ष का शुभ आशीष।
-मयंक गुप्ता
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Hindi Poem on New Year – है नया साल
है नया साल
है नया जोश
है नयी उमंग
है नयी तरंग
है नयी सुबह
है नयी शाम
है नयी धरती
है नया गगन
मन में है
उल्लास भरा
सफल होने का
विश्वास भरा
हो गया आगमन
नए साल का
शुरू होगा
इतिहास नया
आओ करें मिलकर स्वागत
इस नव वर्ष का
- अनुष्का सूरी