मुझे खिला हुआ देख है सब चहरे खिल जाए
मेरी खुशबू सब दिशाओं को है महकाए
कभी बागों में कभी घर में और कभी बालों में जाऊँ सजाए
मुझे तोहफा देकर आशिक़ रूठा यार मनाए
लाल, पीला, गुलाबी, नीला, सब रंग सबको भाय
जिसकी प्यारी प्यारी कलियाँ सबके दिल को लुभाय
हाँ मैं वही हूँ जो धरती पर फूल कहाय
-अनुष्का सूरी