जीवन तो मौजों की धारा में बहना चाहता है
पर वैसा नहीं होता, जो मन कहना चाहता है।
सामने जो आती मुश्किलें रोकें तो कैसे रोकें?
ये आती है जाने क्यूँ?और नहीं दिल सहना चाहता है
हमें इतनी खबर तो नहीं जो जान सकें कुछ भी
कुछ जान लें चाहे पर मन चैन से रहना चाहता है
न रोक सके कोई आते-जाते मन के विचारों को
रंग भरे सपनों में मन और हँसी रंग भरना चाहता है
-संजय
जीवन तो मौजों की धारा में बहना चाहता है
पर वैसा नहीं होता, जो मन कहना चाहता है।
खूबसूरत एवम सत्य पंक्तियाँ।👌👌
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चाहता है…
होता है…
के बीच
कितना फ़ासला है!!
वाह! हम हि हैं ना वो फ़ासला…
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Rhyming acha hai… Good one…
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Hey! Its a great thanks for sharing
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Very Nice
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Nice line’s ☺☺
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