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Hindi Poems on Life- ज़िन्दगी का तज़ुर्बा

बे क़दरों  में रहे हम

बे क़दरों में रहे हम
क़दर हमें अपनी ही न थी
कदरदानों में जाके देखा
इतने बुरे तो हम भी नहीं
सजती है मेरी शिरक़त से आज महफ़िल
इतनी ऊँची क्या पता था
ज़िन्दगी का तज़ुर्बा यह मुक़ाम देगा
दौर हम पे ऐसे भी गुज़रा है
ए हसीन जब बाज़ार से आँखे भर कर
खाली हाथ लौट आये करते थे हम

-हसीन कुरेशी


Bekadron mein rahe hum
Qadar humein apni hi na thi
Qadrdano main jake dekha
Itne bure toh hum bhi nahi
Sajati hai meri shiraqt se aaj mehfheel
Inti oonchi kya pata tha
Zindagi ka tajurba yeh muqam dega
Daur hum pe aisa bhi guzara hai
Aye haseen jab bazaar se aankhein bhar kar
Khali haath laut aya karte the hum

-Hasin Qureshi

Hindi Poems on Life-कुछ कर जाओ

कुछ कर जाओ अपने मुकाम को पाने के लिए
एक बेटी हो आप- घर की जान हो तुम
अगर आप टूट जाओ तो शरीर का क्या होगा
एक बेटे हो आप- घर का अभिमान हो तुम
अगर आप टूट जाओ , तो आपके गर्व का क्या होगा
एक पिता हो आप- पूरे परिवार की सांस हो तुम
अगर आप रुक जाओ, तो सभी अंगों का क्या होगा
एक माँ हो आप- माँ का रिश्ता सबसे उपर
जो इन सब टूटे हुए को, जोड़ देती है
जीवन बस आपका है, उस जीवन मे बस आप हो,
मेरे मित्रो कभी रुको ना, कभी थको ना जीवन बस आपका है
उस जीवन मे बस आप हो

– योगेश यादव

Kuch kar jao apne mukaam ko pane k liye
Ek beti ho aap, ghar ki jaan ho tum
Agar aap tut jao to shareer ka kya hoga
Ek bete ho aap , ghar ka abhimaan ho tum
Agar aap tut jao to aapke garav ka kya hoga
Ek pita ho aap, pure pariwar ki saans ho tum
Agar aap ruk jao to sabhi angon ka kya hoga
Ek maa ho aap, maa ka rishta sabse upar
Jo en sab tute hue ko jod deti hai
jeevan bas aapka hai us jeevan me bss aap ho
Mere mitro kabhi ruko na, kabhi thako na jeevan bas aapka hai
Us jeevan me bas aap ho

-Yogesh Yadav

Hindi Poem on Life – Jeevan Kram

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जीवन क्रम
हर पल हमें कुछ
सिखाती है ज़िन्दगी
भेद हर रिश्ते का
बताती है ज़िन्दगी
फँस माया के जाल में
रहते मद से चूर है हम
खुल जाती है आँख कभी तो
असलियत कई बार
दिखती है ज़िन्दगी
नहीं ज़रूरी
हर रास्ता हो गुलज़ार
कभी काँटों की चुभन भी
महसूस कराती है ज़िन्दगी
गहरा है रिश्ता बहुत
फूल और काँटों का
मेल उनका भी कभी
दर्शाती है ज़िन्दगी
जीवन के हर पहलू से
वाकिफ कराती है ज़िन्दगी
भूले रहते हैं
दिन और रातों में हम
सच्चाई जीवन की
बताती है ज़िन्दगी
सामना तूफानों से हो जाता है अक्सर
बहारों और फिज़ाओं का ही
नाम है ज़िन्दगी
फ़िज़ाएं एक सी रहती नहीं
कभी धुप तो
कभी छाँव है ज़िन्दगी
हसीं मंज़ाओं में कभी
खो जाते हैं हम
कभी पतझड़ का मौसम भी
लाती है ज़िन्दगी
इस जीवन में
हर चीज़ के पहलु हैं दो
कभी रुलाती
तो कभी हंसाती है ज़िन्दगी
समझ पाएं कभी
जो जीवन क्रम को हम
तो बस आने और जाने का
नाम है ज़िन्दगी
-किरण गुलाटी