Tag Archives: ज़िन्दगी पर कविता

Hindi Poem on Life Struggles – Aey Zindagi


ज़िन्दगी एक नदी के समान होती है – वह जन्म से लेकर आखरी सांस तक चलती रहती है। कभी सुख का समय आता है और कभी जीवन कठिन हो जाता है। आइये इस कठिन जीवन पर कविता द्वारा ज़िन्दगी के उतार चढ़ावों का अनुभव करें :

ऐ ज़िंदगी (कविता का शीर्षक)
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
कम ज़रा ये रश्क करले ।
शिकायतें हैं जो,
कभी तो बयां करदे ।
हारी हुई शामों में,
साथ एक पल का तो दे- दे
कभी तो गले से लगाले ।
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
कम ज़रा ये रश्क करले
उलझने मन की,
कभी तो सुन ले ।
कब तक अनजान रहेगी तू ,
कभी तो अपना पता बता दे ,
खिजा से कभी तो बहार लादे ,
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ।
-पार्शवी वर्मा (कवयित्री)

Aey Zindagi
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
Kam zara ye rashq karle.
Shikayatein hain jo,
Kabhi to bayaan karde.
Haari hui shamo mein,
Sath ek pal ka to de de,
Kabhi to galey se laga le.
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
am zara ye rashq karle.
Uljhanein man ki,
Kabhi to sun le.
Kab tak anjaan rahegi tu,
Kabhi to apna pata bata de,
Khija se kabhi to bahaar la de,
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
Aey zindagi kabhi to ishq karle.
-Parshavi Verma

कविता का भावार्थ:

यह कविता कवि के जीवन की सबसे कठोर परिस्थितियों का वर्णन करती है |

Wallpaper

Hindi Poem on Storytellers-Kahani


कहानी
चलो आज एक कहानी और लिखी जाये
जिस पर दो-तीन बातें खुल कर बोली जायें
चाहे किसी को पसंद आये चाहे न आये
मेरा तो काम है कि हम बस यूं ही लिखते जायें
कई लोग हमें हर बार बस सौ-सौ ताने सुनायें
मगर ये कलम भी किसी से कुछ कम नहीं
ये हमारा हर परिस्थिति में खूब साथ निभाए
ये कलम कहीं अकेली न रह जाये इसलिए,
दिल और दिमाग ने भी खूब पेंच लड़ाए
ये सोच भी कहीं हमारी पीछे न रह जाये
इसलिए हम अब इसे बाहर की और ले आये
छोटे- छोटे से शब्द में हम यूं डूबते जायें
अब इस कहानी के समंदर में लहरें भी मौज उड़ाएँ
कहानियों में हम इस तरह घूमते जायें
ये वक्त कब गुज़रे पता भी न चल पाये
कब दिन चढ़ जाये और रात ढल जाये
मेरे दिल को बस ये यूं ही भाते जाए
इन कागज़ों पर अनोखा संसार नज़र आये
कलम की नाव में सवार होकर मन हिचकोले खाये
और ये सोच भी मांझी का किरदार निभाए
ज़िन्दगी के नए-पुराने किस्से उभरते हुए आये
जो हमें हमारे ही किरदार की कहानी दिखाएं
इन पलों को हम एक बार फिर से जीते जायें
मेरा मन बस यही एक बोल कहता जाये
चलो एक कहानी और फिर से लिखी जाये
-अंजलि सुवासिया (रचनाकार )

Hindi Poem on Life-Ye Zindagi


woman-591576__340

ये ज़िन्दगी
जीने की चाह सभी को होती है सदा।
ये ज़िन्दगी नये सपने संजोती है सदा।।
अपने अरमानों को हम सजाएँ।
इन्हें और भी खूबसूरत बनाएँ।।
बन जाये बेहतर आज, कल अपना।
सदा शांति से गुज़रे हर पल अपना।।
अपनी गलती को हम सुधारें।
अच्छी दृष्टि से सबको निहारें।।
-संजय

Ye Zindagi

Jeene ki chah zabhi ko hoti hai sada

Ye zindagi naye sapne sanjoti hai sada

Apne armaano ko ham sajayein

Inhein aur bhi khoobsurat banayein

Ban jaye behatar aj, kal apna

Sada shanti se guzre har pal apna

Apni galati ko ham sudharein

Acchi drishti se sabko niharein

-Sanjay (Poet)

Hindi Poem on Life-Zindagi


india-3365733__340

ज़िन्दगी सांसों की गुलाम क्यों है?
हुकूमतें सहती, सुबह शाम क्यों है?
हर लम्हा बताता है, हम हैं तो तुम हो
कैसे गुमान करें, ज़िन्दगी हैरान क्यों है?

अटकती है, चलती है, रुकती है कभी
भारी ज़िन्दगी पे खुले आम क्यों है?

-अविनाश

Zindagi sanson ki gulaam kyo hai?

Hukumatein sehti, subah-sham kyo hai?

Har lamha batata hai, ham hain to tum ho

Kaise gumaan karein, zindagi hairan kyo hai?

Atakti hai, chalti hai, rukti hai kabhi

Bhaari zindagi pe khule aam kyo hai?

-Avinash (Poet)

Hindi Poems on Emotions-अनजान


पक्के मकान और कच्ची ईंटे ,
सच्चे मोती और झूठे  बोल ,
ख्वाहिशों के धागे को दिखावे की सुई से सीकर चल रहे है।
घर शमशान की राख पर नहीं बनना चाहिए ,
मगर उसी मिट्ठी के बन रहे है।
बड़े आँगन की चाह में झोपड़ी उखाड़ी ,
धूप से परदों की ओंठ में छिप रहे है।
चला जा रहा है कारवाँ रामायण का पाठ करवा कर ,
मगर खुद अपने रावण के दहन से बच रहे है।

-प्रभ पूरी

Pakke Makan Or Kacchi Inte ,
Sacche Moti Or Juthe Bol ,
Khawahiso Ke Dhage Ko Dikhave Ki Sui Se Sikar Chal Rhe Hai …
Ghar Samsaan Ki Raakh Par Nhi Banna Chahiye ,
Magar Usi Mitthi Ke Ban Rhe Hai .
Bade Aagan Ki Chah me Jopadi Ukhaadi ,
Dhoop Se Pardo ki Onth me Chip Rhe Hai .
Chala Ja Rha Hai Karwa Ramayan Ka Paath Karwa Kar ,
Magar Khud Apne Ravan Ke Dehan Se Bach Rhe Hai ..

-Prabh Purii