Tag Archives: Hindi Poem on life

Hindi Poem on Traveler: Ek Musafir

कविता का शीर्षक: एक मुसाफिर

साथ चलता एक मुसाफिर
हर बात मानता वह मुसाफिर
हर बार काम आता वो ही मुसाफिर
किसको पड़ी थी उस मुसाफिर की
हर बार अकेला ही छोड़ दिया जाता उसे
न जाने कितनों के काम वह आता
बिना किसी उम्मीद के, वह हर किसी की मदद करता
सामने उसके बढ़ाई होती
कहने को तो साथ रहता है
पर हर बार तनहा ही रह जाता है

कवयित्री का नाम -अंजलि कुमारी

कविता का सार:

इस कविता के माध्यम से अंजलि जी ने जीवन के रास्ते पर चल रहे मुसाफिर की चर्चा की है। वह मुसाफिर सबसे मिलता है, उनकी मदद करता है किन्तु अपने रास्ते पर अकेले ही अग्रसर है।

Translation of Poetry:

This poem has been composed by Ms. Anjali Kumari. In this poem, she talks about a traveler who is helping others and yet keeps moving on his path of line as a lonely person. The poem has a deep connotation towards the journey of life where we do meet people for a short time and then carry on with our lives.

Hindi Poem on Life Struggles – Aey Zindagi

ज़िन्दगी एक नदी के समान होती है – वह जन्म से लेकर आखरी सांस तक चलती रहती है। कभी सुख का समय आता है और कभी जीवन कठिन हो जाता है। आइये इस कठिन जीवन पर कविता द्वारा ज़िन्दगी के उतार चढ़ावों का अनुभव करें :

ऐ ज़िंदगी (कविता का शीर्षक)
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
कम ज़रा ये रश्क करले ।
शिकायतें हैं जो,
कभी तो बयां करदे ।
हारी हुई शामों में,
साथ एक पल का तो दे- दे
कभी तो गले से लगाले ।
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
कम ज़रा ये रश्क करले
उलझने मन की,
कभी तो सुन ले ।
कब तक अनजान रहेगी तू ,
कभी तो अपना पता बता दे ,
खिजा से कभी तो बहार लादे ,
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ,
ऐ ज़िंदगी कभी तो इश्क़ करले ।
-पार्शवी वर्मा (कवयित्री)

Aey Zindagi
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
Kam zara ye rashq karle.
Shikayatein hain jo,
Kabhi to bayaan karde.
Haari hui shamo mein,
Sath ek pal ka to de de,
Kabhi to galey se laga le.
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
am zara ye rashq karle.
Uljhanein man ki,
Kabhi to sun le.
Kab tak anjaan rahegi tu,
Kabhi to apna pata bata de,
Khija se kabhi to bahaar la de,
Aey zindagi kabhi to ishq karle,
Aey zindagi kabhi to ishq karle.
-Parshavi Verma

कविता का भावार्थ:

यह कविता कवि के जीवन की सबसे कठोर परिस्थितियों का वर्णन करती है |

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Hindi Poem Encouraging Change-Badalte Zamaane Ke Sath

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बदलते ज़माने के साथ

बदलते ज़माने के साथ हम भी बदलते गए
जीवन में वक्त के साथ बदलते रंगो को जीवन में भरते गए।
ज़माने में हर तरह के लोग मिले
बस सब के साथ कदम मिलाकर आगे बढते गए
हमारी तो क्या औकात है
रास्ता तो ईश्वर ने दिखाया
बस हम तो उस पर चलते गए।
बदलते ज़माने के साथ हम भी बदलते गए,
बदलते ज़माने के साथ हम भी बदलते गए।।

बचपन की यादों को साथ लिए
हमने जवानी में कदम रखा है।
बचपन तो बीत गया खेल कूद में
अब तो वक्त ने भी अपना रुख बदल रखा है,
जीवन के हर मोड़ से बचपन हो या जवानी
हम तो बस सीखते चले गए
बदलते ज़माने के साथ हम भी बदलते गए,
बदलते ज़माने के साथ हम भी बदलते गए।।

-रोहित 

Hindi Poems on Life- ज़िन्दगी का तज़ुर्बा

बे क़दरों  में रहे हम

बे क़दरों में रहे हम
क़दर हमें अपनी ही न थी
कदरदानों में जाके देखा
इतने बुरे तो हम भी नहीं
सजती है मेरी शिरक़त से आज महफ़िल
इतनी ऊँची क्या पता था
ज़िन्दगी का तज़ुर्बा यह मुक़ाम देगा
दौर हम पे ऐसे भी गुज़रा है
ए हसीन जब बाज़ार से आँखे भर कर
खाली हाथ लौट आये करते थे हम

-हसीन कुरेशी


Bekadron mein rahe hum
Qadar humein apni hi na thi
Qadrdano main jake dekha
Itne bure toh hum bhi nahi
Sajati hai meri shiraqt se aaj mehfheel
Inti oonchi kya pata tha
Zindagi ka tajurba yeh muqam dega
Daur hum pe aisa bhi guzara hai
Aye haseen jab bazaar se aankhein bhar kar
Khali haath laut aya karte the hum

-Hasin Qureshi

Hindi Poems on Life-कुछ कर जाओ

कुछ कर जाओ अपने मुकाम को पाने के लिए
एक बेटी हो आप- घर की जान हो तुम
अगर आप टूट जाओ तो शरीर का क्या होगा
एक बेटे हो आप- घर का अभिमान हो तुम
अगर आप टूट जाओ , तो आपके गर्व का क्या होगा
एक पिता हो आप- पूरे परिवार की सांस हो तुम
अगर आप रुक जाओ, तो सभी अंगों का क्या होगा
एक माँ हो आप- माँ का रिश्ता सबसे उपर
जो इन सब टूटे हुए को, जोड़ देती है
जीवन बस आपका है, उस जीवन मे बस आप हो,
मेरे मित्रो कभी रुको ना, कभी थको ना जीवन बस आपका है
उस जीवन मे बस आप हो

– योगेश यादव

Kuch kar jao apne mukaam ko pane k liye
Ek beti ho aap, ghar ki jaan ho tum
Agar aap tut jao to shareer ka kya hoga
Ek bete ho aap , ghar ka abhimaan ho tum
Agar aap tut jao to aapke garav ka kya hoga
Ek pita ho aap, pure pariwar ki saans ho tum
Agar aap ruk jao to sabhi angon ka kya hoga
Ek maa ho aap, maa ka rishta sabse upar
Jo en sab tute hue ko jod deti hai
jeevan bas aapka hai us jeevan me bss aap ho
Mere mitro kabhi ruko na, kabhi thako na jeevan bas aapka hai
Us jeevan me bas aap ho

-Yogesh Yadav