Patriotic Hindi Poem-Desh
देश मेरे देशवासियों अब तो नींद छोड़ो दिनकर निकल गया है सवेर हो रहा है दुनिया में हर तरफ भोर हो रही है अज्ञानता की रातें कब की गुजर गई हैं इस सोई हुई फ़िज़ा में एक ख्वाब दिख रहा है देखो सूरज के तेज से आलोक आ रहा है इस निकली हुई सुबह में […]